न कोई बौराया है,न कोई प्र.मंत्री चुन रहा है- ये लोग भी ,यंग
रोजगार में लगे -डॉ , इंजी.,प्रो.आदि -(ALERT *)समूह के हैं और देश के भविष्य के लिए ' हकीकत 'में चिंतित है और ,कोई
'मौसमी ' टोपीधारी भी नहीं है और न ही नेट पर उंगली चलाकर
सद्भाव फ़ैलाने का दावा कर रहे हैं |इन लोगो को यह भी मालूम
है कि ,लोकपाल बिल लोकसभा में १९६८ में पेश हुआ और १९६९ में पास भी हुआ था लेकिन राज्यसभा ने अस्वीकृत कर दिया था ,इन्हें यह भी मालूम है कि इस लड़ाई में कौन सच्चा सिपाही है और कौन ' शो पीस '-ये चिन्तनशील है,विवेकवान
है | ये तो आपस में मिलकर धारा में मुर्दों कि तरह बहने वालों
को अपने संदेशों से बीच-बीच में जगाते रहतें है ,और चाहते है
कि विवेकशील ,ज्ञानवान लोगो तक वह जानकारी पहुंचाई
जाये ,जो आमतोर पर (सही-सही ) मालूम नहीं होती है |
लकवा ग्रस्त शासक दल के राजकुमार और एक नागरिक -
जमात के सदस्य ,अरविन्द केजरीवाल जो इस आन्दोलन
का एक ओजस्वी ,मेधावी प्रवक्ता है | अभी इतना ही -महिपाल
A -association ,L -literary & lawyers ,E -educationists
R -researchers ,& T -technologists
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