Sunday 28 August 2011

ANNA STIR

समूह के सभी सदस्यों को जान कर हर्ष होगा कि आप सुधिजनों कि प्रेरणा से एक बिलकुल 
ताज़ी रचना का जन्म हुआ है ,नाम करण के लिए आपको सोंप रहा हूँ |
        सत्ता से बेदखल कराना,
        कोई मुश्किल काम नहीं है ,
       किसे बिठाएं ,जो चल पाए ,
      सबसे मुश्किल काम यही है |
       
     नवजागरण ने दी थी  जो क्रांति ,
    तीन साल में मिट गयी भ्रान्ति ,(१९७७-१९८० )*
 इसमें से निकले कुछ नए जिन्न ,
  जिनकी मति थी फिर भिन्न भिन्न |

सुलगी फिर एक चिंगारी ,
लग गयी आग ,
 दांये बांये हो गए साथ ,
फिर सत्ता परिवर्तन का हुआ खेल ,
बेमेल ,मेल फिर हुआ फेल,
उपहार मिला , आतंकवाद ,
नस नस में फैला  जातिवाद (१९८९-१९९१ )

जब तक विकल्प न हो साफ साफ ,
भावों में हमें न बहना है ,
' अन्ना ' को पूरा आदर ,पर करें माफ़ ,
इससे ज्यादा न अभी कुछ कहना है ,
बस भावों में अभी न बहना है ,
न बहना है ,न बहना है 
 -महिपाल , ग्वालियर ,म .प्र .(०७५१ -२६६३८३६ ),अगस्त ,१९ ,२०११ 

 

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